वाराणसी भारत की सबसे पुरानी शहर में से एक है जो गंगा नदी के किनारे पर बसा है, दशास्वमेध घाट के किनारे रोज शाम को होने वाली गंगा आरती को देखने के लिए दूर दूर से श्रद्धालु आते है | आरती में अग्नि पूजा होती है जो भगवान शिव, माँ गंगा, सूर्य और अग्नि को समर्पित रहता है |
वैदिक मंत्रो के साथ गंगा आरती में सम्मिलित होने का आनंद ही कुछ और होता यही और उसको शब्दों से वर्णन नहीं कर सकते | गंगा आरती करने वालों के खास पोषक होता है जिसके कुरता और धोती प्रमुख होता है |
गंगा आरती का समय
प्रायः गंगा आरती रोज शाम को ६:४५ से प्रारम्भ होता है और यह लगभग ४५ मिनट तक चलता है, दर्शनार्थी लगभग एक घंटे पहले से आना चालू कर देते है |
कुछ पूजा अर्चन के बाद आरती आरम्भ होता है और तबतक शाम के लगभग ७ बजे होते है और ८ बजे तक आरती का कार्यक्रम पूरा हो जाता है |